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Sep 9, 2020

8:55 AM

Current news in September 2020 about the trains available from Mumbai to Tirunelveli




Trains from Mumbai to Tirunelveli

    Are you looking for Mumbai to Tirunelveli trains? You can choose from a large number of trains running regularly on this route. Mumbai to Tirunelveli trains is considered to be the most preferred and efficient mode of transportation for commuting between these two cities. There are frequent daily trains that run between these cities. On a weekly basis, there are 8 trains running between Mumbai and Tirunelveli. To get accurate information regarding Mumbai to Tirunelveli trains, Mumbai Tirunelveli Railway Timetable, and Mumbai to Tirunelveli Train Fare, you can visit the IRCTC app or website. You can also book your train ticket online through IRCTC in a few steps. The user-friendly interface, easy booking process and attractive offers on train ticket booking help the travellers in booking their tickets at the most reasonable prices. You can also do tatkal train ticket booking for Mumbai to Tirunelveli Trains through IRCTC.

    Mumbai to Tirunelveli train timings and fare are the two main factors that compel travellers to opt for Mumbai to Tirunelveli Trains for a hassle-free journey. TEN Humsafar is the fastest among the Mumbai to Tirunelveli Trains. It departs from Mumbai Central Railway Station at 04:30 and arrives at Tirunelveli Junction at 11:30, covering the distance in just 1d 7h 0m. While looking for an early morning train from Mumbai to Tirunelveli, you can choose to travel via BHUJ BRC Special. It takes 1d 7h 15m to complete the journey, starting from Mumbai Panvel Railway Station at 04:30 and reaching Tirunelveli at 11:45.

    The first train from Mumbai to Tirunelveli is TEN Humsafar departing at 04:30 from Mumbai Panvel Railway Station. Some popular weekly trains on Mumbai to Tirunelveli train route are TEN Humsafar. Every Sunday TEN Humsafar departs from Mumbai at 04:30 and arrives at Tirunelveli at 11:30 covering the entire distance in 1d 7h 0m.

    TEN Humsafar has the lowest fare starting from Rs. 1860. It departs from Panvel Railway Station at 04:30 and arrives at Tirunelveli Junction at 11:30. The boarding station for all Mumbai to Tirunelveli trains are the Mumbai Dadar Central Railway Station, Panvel Railway Station while deboarding at Tirunelveli can be at Tirunelveli Junction. For all of the trains running on this route, you can check the live train running status , running history and PNR status on the IRCTC app and the website. IRCTC in collaboration with Indian railways also offers IRCTC registration and signup through its IRCTC Create User Id page. The stations are well-connected with the rest of the city with easy conveyance options. The Mumbai to Tirunelveli train route witnesses regular rush of travelers. However, the large number of trains on this route provides direct and easy connectivity catering to the needs of all types of travelers.

Trains from Mumbai to Tirunelveli

1. Nagarcoil Express 16351. DR 12:20 Mumbai Dadar Central Railway Station.

2. Nagarcoil Express 16339. DR 12:20 Mumbai Dadar Central Railway Station.

3. BHUJ BRC Special 09458.

4. JAM TEN Express 19578.

5. Tirunelveli Express 11021.

6. TEN Humsafar 19424.

7. HAPA Tirunelveli Superfast Express 12998.

8. Dadar TEN Express 22629.

Aug 30, 2020

9:34 AM

देश में बीते 15 दिनों में 10.80 लाख केस बढ़े, लेकिन राहत की बात कि एक्टिव केस में सिर्फ 95 हजार की बढ़ोतरी हुई; कुल संक्रमित 35.39 लाख

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 35.39 लाख हो गई है। चार दिन से 75 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं। बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 78 हजार 479 कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। 64 हजार 982 संक्रमित ठीक हो गए, जबकि 943 की मौत हो गई। नए केस और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं होने की वजह से एक्टिव केस धीमी रफ्तार से बढ़ रहे हैं।
बीते 15 दिनों में ही देखें तो कुल 10.80 लाख केस आए हैं, नौ लाख से ज्यादा मरीज ठीक हुए और 14 हजार 500 मरीजों की मौत हो गई। इससे एक्टिव केस में सिर्फ 95 हजार की बढ़ोतरी हुई। ये आंकड़े covid19india.org के मुताबिक हैं। देश में अब हर 10 लाख की आबादी में 29 हजार 234 लोगों का कोरोना टेस्ट हो रहा है। इनमें 2516 लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं।

कोरोना अपडेट्स...

  • केरल में 110 साल की वारियाथु पथु ने कोरोना का मात दे दी। वे इस बीमारी से ठीक होने वाली सबसे बुजुर्ग मरीज हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज मंजरी में उनका इलाज चल रहा था।
  • उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर भगत और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना भी संक्रमित पाए गए हैं। दोनों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी जानकारी दी।

पांच राज्यों के हाल
1. मध्यप्रदेश
बीते 24 घंटे में संक्रमण के 1442 केस आए। 1017 ठीक हुए और 22 मरीजों की मौत हो गई। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 60 हजार 887, ठीक होने वालों की संख्या 46 हजार 413 और कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 1345 हो गई। राज्य में टेस्टिंग बढ़ाई गई है। बीते तीन से यहां 23 हजार से 27 हजार के बीच टेस्टिंग की गई हैं। इससे पहले यहां 21 से 22 हजार टेस्टिंग की जा रही थीं। राज्य में अब तक करीब 13.25 लाख जांच की जा चुकी हैं।

2. राजस्थान

राज्य में शनिवार को संक्रमण के 1407 नए पॉजिटिव केस सामने आए। जिसके बाद कुल मरीजों का आंकड़ा 78 हजार 777 पहुंच गया। वहीं, संक्रमण से 13 मरीजों की मौत हो गई। इनमें जोधपुर, कोटा और जयपुर में 2-2, अजमेर, बाड़मेर, बीकानेर, दौसा, धौलपुर, सिरोही और उदयपुर में 1-1 मरीज की जान गई है। राजस्थान में कोरोना से अब तक 1030 मरीजों की जान जा चुकी है। इनमें जयपुर में सबसे ज्यादा 269 मरीजों की मौत हुई।

3. बिहार

बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते 24 घंटे में 2087 नए मरीज बढ़े। इसी के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 लाख 32 हजार 935 हो गई है। हालांकि, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। गुरुवार को राज्य में रिकवरी रेट 85.13% था, जो बढ़कर 85.94% हो गया है।

4. महाराष्ट्र

बीते 24 घंटे में संक्रमण के रिकॉर्ड 16867 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 7 लाख 64 हजार 281 हो गई। शनिवार को 328 मरीजों की मौत हो गई। मरने वालों का आंकड़ा अब बढ़कर 24 हजार 103 हो गया है।

5. उत्तरप्रदेश

बीते 24 घंटे में संक्रमण के 5684 मामले सामने आए। इसके साथ ही प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 2 लाख 16 हजार 505 हो गई है। अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 53 हजार 360 हो गई है। 1 लाख 62 हजार 741 लोग ठीक हो चुके हैं। 3356 मरीजों की मौत हो चुकी है। शनिवार को राज्य में रिकॉर्ड 1 लाख 48 हजार 147 लोगों की जांच की गई।

9:34 AM

ब्राजील में मौतों का आंकड़ा 1.20 लाख के पार, यहां साओ पाउलो राज्य में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई, दुनिया में अब तक 2.51 करोड़ केस

दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 51 लाख 63 हजार 150 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 75 लाख 6 हजार 54 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 46 हजार 734 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 24 घंटे में 41 हजार 350 नए मामले सामने आए हैं और 758 मौतें हुई हैं। इसी के साथ यहां मौतों का आंकड़ा 1 लाख 20 हजार 262 हो गया है। यहां साओ पाउलो राज्य में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई है।

बीते 24 घंटे में साओ पाउलो में 250 लोगों की जान गई है। यहां अब तक 29 हजार 944 मौतें हुईं। देश में अब तक 38 लाख 46 हजार 945 मामले सामने आए हैं। वायरस देश के आदिवासी बहुल इलाके जावेरी वैली तक पहुंच गया है। यहा इलाका देश के बाकी हिस्सों से कटा हुआ है। यहां मारुओ और तिकुना समुदाय के एक-एक आदिवासी की संक्रमण से मौत हुई है।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 61,39,078 1,86,855 34,08,799
ब्राजील 38,46,965 1,20,498 30,06,812
भारत 35,39,712 63,657 27,12,520
रूस 9,85,346 17,025 8,04,383
पेरू 6,39,435 28,607 4,46,675
साउथ अफ्रीका 6,22,551 13,981 5,36,694
कोलंबिया 5,99,914 19,064 4,40,574
मैक्सिको 5,91,712 63,819 4,09,127
स्पेन 4,55,621 29,011 उपलब्ध नहीं
चिली 4,08,009 11,181 3,81,183

जर्मनी में संसद के सामने प्रदर्शन
जर्मनी में शनिवार को संसद के सामने लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। हजारों लोगों ने संसद के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मांग थी मास्क लगाने और महामारी लगाने के लिए लगाई गई दूसरी पाबंदियां हटाई जाएं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी भी की। इसके बाद 200 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। देश में अब तक 2 लाख 42 हजार 825 मामले सामने आए हैं और 9363 लोगों की मौत हुई है।

जर्मनी के बर्लिन में शनिवार को महामारी से जुड़ी पाबंदियों को हटाने की मांग के साथ संसद के सामने प्रदर्शन करते लोग।

थाइलैंड: तंबाकू से वैक्सीन तैयार हुआ
थाइलैंड के चुलालोंगकोर्न यूनिवर्सिटी ने तंबाकू के पत्तों से वायरस के डीएनए को मिलाकर वैक्सीन तैयार किया है। थाइ रेड क्रॉस इमर्जिंग इनफेक्शियस डिजीज हेल्थ साइंस सेंटर के प्रमुख डॉ. तिरावट हेमाशुदा ने बताया कि फिलहाल इस वायरस का चूहों और बंदर पर टेस्ट किया गया। दूसरे चरण में इसका इंसानो पर ट्रायल किया जाएगा। इसे दो तरह के तंबाकू के पत्तों की प्रोटीन की मदद से तैयार किया गया है। इसका प्रोडक्शन भी दूसरे वैक्सीन के मुकाबले सस्ते होगा।

थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में शनिवार को मास्क पहनकर इलेक्ट्रिक कीबाेर्ड बजाती एक बच्ची के सामने से गुजरते लोग।

ऑस्ट्रेलिया: विक्टोरिया में पाबंदियों में छूट नहीं
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में फिलहाल पाबंदियों में राहत नहीं दी जाएगी। यहां बीते 24 घंटे में 114 नए मामले सामने आए और 11 मौतें हुईं। इसके बाद प्रीमियर डेनियल एंड्रूज ने कहा कि अभी पाबंदियों में छूट नहीं दी जा सकती, क्योंकि मामले और भी बढ़ सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा मौतें विक्टोरिया में ही हुई हैं। राज्य में अब तक 524 लोगों की जान जा चुकी है। देश में अब तक 25 हजार 670 मामले सामने आ चुके हैं और 611 मौतें हुई हैं।

9:06 AM

वॉट्सऐप ने काम के दो फीचर जोड़े, तो रेडमी यूजर्स को मिला MIUI 12 का अपडेट; नौकरी दिलाने के लिए गूगल लाया ये ऐप

आपको टेक्नोलॉजी पसंद है, लेकिन समय कम होने की वजह से आप इससे जुड़ी खबरें नहीं पढ़ पाते, तब हम आपके लिए टेक डिस्क्राइबर लेकर आए हैं। इस एक खबर में हम आपको इस सप्ताह अपडेट हुए ऐप्स के साथ लॉन्च होने वाली नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताएंगे। तो चलिए जल्दी से शुरू करते हैं वीकली डिस्क्राइबर।

1. वॉट्सऐप में आए दो नए फीचर


सबसे पहले बात करते हैं हम सभी के पसंदीदी ऐप यानी वॉट्सऐप की। तो इस सप्ताह कंपनी ने इसमें दो नए फीचर्स को जोड़ा है। इसमें पहला है ग्रुप कॉलिंग के लिए नई रिंगटोन। यानी अब आप वॉट्सऐप पर ग्रुप कॉल उसकी रिंगटोन से ही पहचान लेंगे। हालांकि, कोई यूजर वन-टू-वन कॉलिंग यानी सिंगल कॉल करता है, तब पुरानी रिंगटोन ही बजेगी। इसके साथ, कंपनी ने वॉट्सऐप में एक साथ कई नए स्टीकर्स को अपडेट किया है। ये सभी एनिमेटेड स्टीकर्स हैं। इसके लिए आपको गूगल प्ले स्टोर पर जाकर ऐप को अपडेट करना होगा।

2. गूगल पे पर मिलेंगी नई पेमेंट सर्विस


दुनिया के टॉप टेक कंपनियों में शुमार गूगल भारत में अपने पेमेंट प्लेटफॉर्म गूगल पे को एक्सपेंड कर रहा है। एंड्रॉयड पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब कंपनी अपने ग्राहकों को कार्ड और NFC (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) सिस्टम के जरिए पेमेंट विकल्प दे सकती है। यह फीचर अभी एक्सिस बैंक क्रेडिट/डेबिट और SBI क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स तक ही सीमित है। रिपोर्ट के मुताबिक, कस्टमर को पेमेंट के लिए अपना कार्ड सेटअप करने से पहले वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी करनी होगी। एक बार कार्ड रजिस्टर होने के बाद गूगल पे ऐप के जरिए NFC इनेबल हो जाएगा।

3. ह्यूमन के अंदर कम्प्यूटर लगाने का प्लान


एलन मस्क के न्यूरोसाइंस स्टार्टअप न्यूरोलिंक ने शुक्रवार को एक ऐसे सूअर का प्रदर्शन किया जिसके दिमाग में एक सिक्के के जितनी कम्प्यूटर चिप लगी हुई थी। ये इंसानो में होने वाली बीमारी के इलाज को बेहतर करने की दिशा में एक शुरुआती कदम है। इसके जरिए वे इंसानों में होने वाली कुछ दिमागी बिमारियों के इलाज को लेकर एक तरह का ट्रायल कर रहे हैं। न्यूरोलिंक का उद्धेश्य इंसानों के दिमाग में एक तरह वायरलेस कम्प्यूटर स्थापित करना है, जो इंसान को अल्जाइमर, डिमनशिया और रीढ़ की हड्डी की चोटों जैसी बिमारियों से लड़ने में और उनसे ठीक करने में मदद करेगा। एलन मस्क ने 2016 में सैन फ्रांसिसको में न्यूरोलिंक की स्थापना की थी।

4. ट्विटर की यूजर्स को सिक्योरिटी वॉर्निंग


आप ट्विटर पर एक्टिव हैं, लेकिन ऐप को अब तक अपडेट नहीं किया है तब जल्दी से इसे अपडेट कर लें। दरअसल, माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने एड्रॉयड यूजर्स को सिक्योरिटी मैसेज दिया है। ऐप में एक बड़े सिक्योरिटी लूप होल्स का पता चला है। इसके वजह से एंड्रॉयड 8 और एंड्रॉयड 9 यूजर्स प्रभावित हो रहे हैं। इस प्रॉब्मल के चलते यूजर्स के प्राइवेट मैसेज भी एक्सपोज हो रहे हैं। अब ट्विटर ने प्रॉब्मल को पॉइंट आउट करके उसे फिक्स कर दिया है। ऐप को गूगल प्ले स्टोर से अपडेट किया जा सकता है।

5. कोरोना से बचने आरोग्य ऐप में नया फीचर आया


कोरोना संक्रमण के मामलों को रोकने के लिए सरकार द्वारा लॉन्च किए गए आरोग्य ऐप में अब नया फीचर अपडेट किया गया है। नया फीचर बिजनेस और आर्गेनाइजेशन की मदद के लिए पेश किया गया है। इसकी मदद से संस्थान अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए पहले कर्मचारियों की सहमित लेना अनिवार्य होगा। नई ओपन एपीआई सर्विस में कर्मचारियों के डेटा गोपनीयता का उल्लंघन नहीं होगा। नए फीचर के जरिए आर्गेनाइजेशन अपने कर्मचारियों की रियल टाइम हेल्थ स्टेट्स स्वास्थ्य के अन्य अपडेट को हासिल कर पाएंगे।

6. टेलीग्राम ने शुरू की वीडियो कॉलिंग सर्विस


आप टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल करते हैं तब ये जानकारी आपके लिए है। दरअसल, टेलीग्राम अब ऐप के साथ डेस्कटॉप पर भी वीडियो कॉलिंग का फीचर शुरू कर रहा है। फिलहाल इसका फायदा बीटा वर्जन या ऐप के 7.0 वर्जन पर मिलेगा। कंपनी ने कहा कि आप अपने कॉन्टैक्ट के प्रोफाइल पेज से वीडियो कॉल शुरू कर सकते हैं और वॉयस कॉल के दौरान किसी भी समय वीडियो को स्विच ऑन या ऑफ कर सकते हैं। टेलीग्राम को वॉट्सऐप का बड़ा कॉम्टिटर माना जाता है। हालांकि, दोनों के यूजर्स की संख्या में बड़ा अंतर है।

7. रेडमी नोट 8 प्रो यूजर्स को मिला नया सॉफ्टवेयर


शाओमी ने रेडमी नोट 8 प्रो को के लिए अपने लेटेस्ट सॉफ्टवेयर MIUI 12 का अपडेट जारी कर दिया है। इस अपडेट को अपने फोन में डाउनलोड करने के लिए आपको इस फोन की सेटिंग्स में जाना है। उसके बाद आपको सिस्टम अपडेट में जाना है और उसके अंदर आपको MIUI 12 अपडेट का विकल्प मिलेगा। आप उसे क्लिक करेंगे और उसके बाद एक प्रोसेस आपके फोन में होगा। आपको फोन बंद होगा फिर खुलेगा और तब आपका फोन इस नए लेटेस्ट सॉफ्टवेयर से अपडेट हो चुका है। इस फोन को अपडेट करते वक्त आपके एक बात का ध्यान रखें कि आपके फोन की बैटरी 50% से ज्यादा चार्ज हो।

8. नौकरी चाहिए तो गूगल करेगा मदद


गूगल ने हाल ही में अपने नौकरी लिस्टिंग ऐप Kormo Jobs को भारत में रोलआउट किया है। कोरमो जॉब्स ऐप को पहली बार 2018 में बांग्लादेश में लॉन्च किया गया था और फिर 2019 में इंडोनेशिया में इसकी सर्विस शुरू हुई थी। कोरमो जॉब्स ऐप में नौकरियों की लिस्ट है। ये यूजर्स को अपना डिजिटल सीवी बनाने की सर्विस भी देता है। गूगल के ये नया जॉब प्लेटफॉर्म माइक्रोसॉफ्ट के लिंक्डइन के साथ भारतीय के जॉब सर्च पोर्टल्स जैसे नौकरी और टाइम्सजॉब्स को कड़ी टक्कर दे सकता है।

9. टिकटॉक सीईओ का रिजाइन


आखिर में आप इस खबर से भी अपडेट हो जाइए, क्योंकि ये टिकटॉक से जुड़ी है। इस सप्ताह टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ये इस्तीफा अपनी ज्वॉइनिंग के 100 दिन में ही दे दिया। केविन ने अपने इस्तीफा में कहा, "हाल के सप्ताहों में राजनीतिक वातावरण में तेजी से बदलाव आया है। मैंने इस बात पर कई ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव किए जिसकी जरूरत कॉर्पोरेट संरचनात्मक के लिए होती है। भारी मन से मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि मैंने कंपनी छोड़ने का फैसला किया है।" बता दें कि अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प का टिकटॉक पर दबाव था।

8:34 AM

कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, छत्तीसगढ़ में महानदी तो मध्यप्रदेश में नर्मदा उफान पर, कई डैम से छोड़ा गया पानी

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में शनिवार तड़के महानदी उफान पर आई तो आसपास के 27 गांव प्रभावित हुए। सरिया और पुसौर के 12 गांव टापू बन गए हैं। प्रशासन और पुलिस के बचाव दल ने बुजुर्ग, महिला, बच्चों समेत 1300 लोगों को निकालकर पुसौर के छिछोरउमरिया और दूसरे राहत शिविरों में शिफ्ट किया। कई परिवार के पुरुष घर में ही रुके हैं ताकि सामान बचा सकें। शुक्रवार देर रात तक कलेक्टर महानदी के जल स्तर की जानकारी लेते रहे और हीराकुद के 46 गेट खुलवाए। शनिवार को दिनभर एसपी के साथ बाढ़ प्रभावित गांव और राहत कार्यों का जायजा लेते रहे।

नाव से लोगों को पहुंचा रहे सुरक्षित स्थान पर

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में पानी भर जाने के कारण होमगार्ड द्वारा नाव भी चलाई गई है। महिमा नगर, डोंगरवाड़ा, संजय नगर, ग्वालटोली, जासलपुर, बालाभेंट, बांद्राभान और धानाबढ़ में नाव से 200 लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया है।

कान्हा को थाली में बैठाकर झुलाया झूला

इंदौर में डोल ग्यारस का पर्व शनिवार को बारिश के बावजूद मनाया गया। कोरोना के कारण डोल निकालने पर पाबंदी है तो बड़ी ग्वालटोली स्थित श्रीराम मंदिर में भक्तों ने अपने कान्हा को थाली में बैठाकर ही झूला दिया।

पहली बार नृत्य-संगीत नहीं, मास्क-दूरी के बीच पूजा

कोरोना काल ने पर्व-त्योहारों का स्वरूप भी बदल दिया है। करमा पर हर साल अखरा गुलजार रहता था। रात भर नृत्य-संगीत होता था। इस बार सब कुछ बदला दिखा। चडरी अखरा में चेहरे पर मास्क और दूरी के बीच महिलाओं ने पूजा की। प्रार्थना की- हे करम देव, कोरोना से मुक्ति दो। फोटो झारखंड के रांची की है।

नर्मदा डैम से दूसरे दिन भी छोड़ा गया पानी

गुजरात के सबसे बड़े बांध सरदार सरोवर नर्मदा डैम से दूसरे दिन भी पानी छोड़ा गया। शुक्रवार को 10 गेट खोलने के अगले दिन 23 गेट खोल दिए गए। भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने को लेकर नर्मदा नदी के किनारे रहने वाले गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। इधर, प्रदेश में कच्छ के अबडासा में सर्वाधिक 8 इंच बारिश होने से कई गांवों का संपर्क कट गया। सूरत-कामरेज में भी पौने 4 इंच बारिश दर्ज की गई। नर्मदा ज़िले के केवड़िया स्थित बांध की अधिकतम ऊंचाई 138.68 मीटर है।

ओरछा-टीकमगढ़ का रपटा डूबा

एमपी-यूपी सीमा पर स्थित माताटीला बांध के शुक्रवार-शनिवार रात 23 में से 20 गेट खोलकर 2.45 लाख क्यूसेक की रफ्तार से पानी बेतवा में छोड़ा गया। माताटीला के गेट पहले दो फीट फिर सुबह 6 बजे छह फीट और आठ बजे के बाद आठ फीट तक खोले गए। जिससे बेतवा नदी उफान पर है।

नदी का जल स्तर बढ़ने से उप तहसील बसई के देवगढ़, चौवाया, हीरापुर और मकड़ारी गांव में खतरा बढ़ गया है। अब अगर गेट की ऊंचाई और बढ़ाई गई तो ये गांव में बाढ़ आ सकती है। माताटीला बांध के गेट खोलने पर ओरछा से निकली बेतवा नदी पर बना टीकमगढ़-ओरछा रपटा (पुल) डूब गया है और आवागमन बंद है।

माताटीला बांध से छोड़ा पानी

माताटीला बांध से शुक्रवार को देर रात छोड़े गए ढाई लाख क्यूसेक पानी के बाद बेतवा नदी उफान पर आ गई है। बेतवा का पानी बुंदेला राजाओं की छतरियों तक पहुंच गया है। टीकमगढ़ में धसान नदी का फ्लो बढ़ने के बाद बानसुजारा बांध के 7 गेट खोले गए हैं। उधर, छतरपुर में ग्राम परेई में शुक्रवार को खेत में भरे पानी में डूबने से बड़े अनुरागी की दो बच्चियों की मौत हो गई।

टूटे पुल से निकल रहे वाहन

छतरपुर के बारीगढ़ से गौरिहार रोड पर रामपुर गांव के पास से निकली केल नदी का पुल आज से करीब 1 साल पहले टूट गया था। पुल के दो पिलर पूरी तरह से नीचे धंस गए थे। जिस पर प्रशासन ने पुल का रास्ता रोककर निकलने के लिए अस्थाई पुलिया का निर्माण कराया था। कुछ दिनों तक इस पुलिया के ऊपर से बड़े वाहन निकलते रहे, लेकिन बरसात के पानी में यह अस्थाई पुलिया बह गई है।

बारिश से क्षेत्र में नदी उफान पर

मप्र के होशंगाबाद जिले के ग्राम मकोड़िया का सड़क संपर्क टूट गया। शनिवार सुबह होशंगाबाद जिला अस्पताल में एक युवक की बीमारी के चलते मौत होने पर मार्ग बंद होने की स्थिति में ग्रामीणों ने रेल पटरी से पैदल चलकर युवक का शव गांव मकोडिया पहुंचाया। गांव के संजय लौवंशी ने बताया कि केदार यादव कुछ दिनों से बीमार था, इसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। आज गांव जाने के सभी मार्गों पर अधिक पानी होने से डोलरिया से रेल पटरी के रास्ते गांव पहुंचे। जहां गांव में बने मुक्तिधाम में युवक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पानी में अटखेलियां करतीं बतख

फोटो मध्यप्रदेश के उज्जैन की है। यहां के देसाई नगर स्कूल के बाहर तेज बारिश के बीच बतख भी पानी में अटखेलियां करती नजर आईं।

8:34 AM

शांक्सी प्रांत में पार्टी के दौरान रेस्टोरेंट ढहा, 29 लोगों की मौत, 35 घायल; मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका

चीन के शांक्सी प्रांत में शनिवार को एक रेस्टोरेंट के ढहने की घटना में मरने वालों की संख्या रविवार सुबह 29 हो गई। 35 लोग घायल हैं। पुलिस और रेस्क्यू टीम के मुताबिक, मलबे में अब भी काफी लोग दबे हो सकते हैं। बीजिंग से एक स्पेशल टीम यहां पहुंची है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेस्टोरेंट की बिल्डिंग ज्यादा पुरानी नहीं थी। लिहाजा, यह कैसे गिरी? इस बारे में कुछ कहना अभी मुश्किल है।

पार्टी के दौरान हुई हादसा

सूत्रों के मुताबिक, जिस दौरान हादसा हुआ, उस वक्त रेस्टोरेंट में कई लोग एक बर्थडे पार्टी के लिए मौजूद थे। इनमें कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल थे। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया कि कुल कितने लोग उस वक्त रेस्टोरेंट में मौजूद थे।

संकरी जगह में था रेस्टोरेंट

लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रेस्टोरेंट वाली जगह बहुत खुली नहीं है। इसलिए पुलिस और रेस्क्यू टीम को वहां मशीनें ले जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। क्षेत्र में बारिश की वजह से भी कुछ परेशानियां सामने आईं। कुछ खबरों में कहा गया है कि घटना में रेस्टोरेंट के मालिक की भी मौत हो गई है।

6:34 AM

गुजरात में बनेगा 1500 करोड़ रुपए का दुनिया का सबसे बड़ा टॉय म्यूजियम, यहां 11 लाख खिलौने होंगे खास

गुजरात में विश्व का सबसे बड़ा टॉय म्यूजियम बनने वाला है। इसके लिए 30 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गई है। यह गुजरात की चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी के बाल भवन प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है। यहां प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक के 11 लाख से ज्यादा खिलौने प्रदर्शित किए जाएंगे।

इसका उद्देश्य खिलौनों के जरिए वैज्ञानिक, कलाकार, महापुरुषों का परिचय कराना और भारतीय संस्कृति का दर्शन करवाना है। राज्य की राजधानी गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी के करीब शाहपुर और रतनपुर गांव के बीच में इसे बनाने की तैयारी है।

इस बाल भवन की लागत करीब 1500 करोड़ रुपए होगी। इसे बनने में अभी करीब 5 साल का समय लगेगा। चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी के कुलपति हर्षदभाई शाह ने भास्कर को बताया कि अगले दो -तीन महीनों में निर्माण कार्य शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया जाएगा। फिलहाल इसके लिए प्रधानमंत्री खुद सक्रिय मार्गदर्शन कर रहे हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 22 अगस्त को इसके लिए ऑनलाइन संवाद भी किया था। इसमें उन्होंने चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी को टॉय म्यूजियम प्रोजेक्ट से संबंधित प्रजेंटेशन प्रस्तुत करने को कहा है। मोदी ने कहा है कि चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी इस योजना में अपनी पूर्ण शक्ति झोंक कर काम करे।

खिलौना शास्त्र विकसित करेगी यूनिवर्सिटी, डीआरडीओ-इसरो बनाएंगे खिलौनों के मॉडल

  • बच्चों को वैज्ञानिकों, कलाकारों, महापुरुषों का परिचय और भारतीय संस्कृति का दर्शन करवाया जाएगा।
  • गगन यान, मिसाइलों, ईवीएम मशीन, 1875 की क्रांति आदि की कहानी, झांकी खिलौनों के माध्यम से बताई जाएगी।
  • गुजराती, हिंदी, अंग्रेजी सहित कई भारतीय भाषाओं में सीखने के लिए चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी का पाठ्यक्रम होगा।
  • डीआरडीओ, इसरो की मदद से इलेक्ट्रॉनिक, बैटरी, सोलर आधारित छोटे यान, पृथ्वी-अग्नि मिसाइल, सैटेलाइट आदि के मॉडल खिलौने तैयार किए जाएंगे।
  • बाल मन को शिक्षा-संस्कार देने के विचार को ध्यान में रखते हुए चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी खिलौना शास्त्र विकसित करेगी।
6:34 AM

सफाई वाले रोबोट की बिक्री हुई दोगुनी, मैकडोनल्ड्स, वॉलमार्ट तक को जरूरत; जल्द से जल्द रोबोट काम पर लगाना चाहती हैं कंपनियां

रोबोट का चलन काफी तेज होता जा रहा है। पहले दुनियाभर के होटल, मॉल, दफ्तर आदि में रोबोट्स का इस्तेमाल काम में तेजी और सौंदर्य के लिए होता था, लेकिन अब इनका इस्तेमाल सुरक्षा की दृष्टि से बढ़ा है।खासतौर पर सफाई वाले रोबोट्स की डिमांड पिछले कुछ समय में काफी बढ़ गई है।
कनाडा की कंपनी एवीबोट्स के मुताबिक फ्लोर क्लीनिंग रोबोट्स की बिक्री कोरोना के बाद दोगुनी बढ़ गई है। जो पहले इसके बारे में जानना भी नहीं चाहते थे वे भी इसे खरीद रहे हैं। अमेरिकी कंपनी ब्रेन कॉर्प्स ने कहा कि उसके सेल्फ ड्राइविंग क्लीनिंग रोबोट्स की बिक्री पिछले वर्ष के मुकाबले इस अप्रैल में 24 फीसदी बढ़ गई है।

ब्रेन कॉर्प के सीईओ यूजीन इज्हीकेविच बताते हैं कि वॉलमार्ट जैसे स्टोर्स से कोरोना के बाद क्लीनिंग रोबोट्स के ऑर्डर बढ़ गए हैं। वे चाहते हैं कि हम जल्द से जल्द इन्हें लगवा दें। इन क्लीनिंग रोबोट्स की कीमत 40 हजार डॉलर से 60 हजार डॉलर तक है। इनके सॉफ्टवेयर का खर्चा भी अलग से है।

देश में भी इस वर्ष 30 गुना बढ़ जाएगा बाजार

देश में रोबोट बनानी वाली प्रमुखा कंपनी मिलाग्रो की बिक्री इस वर्ष 15 से 20 गुना बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी के अनुसार इस वर्ष देश में रोबोट का बाजार करीब 30 गुना बढ़ जाएगा। इसका कारण है कि लोग अब रोबोट पर भरोसा करने लगे हैं।

आगे और बेहतर बना रहे

अमेरिका की कार्नेगी रोबोटिक्स कंपनी अपने प्रसिद्ध फ्लोर क्लीनर रोबोट निलफिस्क लिबर्टी में बड़े पैमाने पर एक ऐसा अटैचमेंट टेस्ट कर रही है जो कोरोना वायरस को भी अल्ट्रावॉयलेट लाइट से खत्म कर देगी। पिट्सबर्ग एयरपोर्ट में ऐसा रोबोट लग गया है।

1987 में बना था पहला कॉमर्शियल रोबोट

बात 1987 की है, जब रोबोकेंट नाम का दुनिया का पहला कमर्शियल फ्लोर क्लीनिंग रोबोट बना था। इसे अमेरिकी कंपनी ने बनाया था।

सफाई के अलावा यहां भी हो रहे इस्तेमाल

  • अस्पताल में- डेनमार्क की कंपनी यूपीडी रोबोट्स ने अप्रैल माह में ही चीन और यूरोप के अस्पतालों में सैकड़ों रोबोट भेजे हैं।
  • रेस्टोरेंट में- अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी मैकडोनल्ड्स कुकिंग और सर्विंग के लिए रोबोट्स को टेस्ट कर रही है।
  • फैक्ट्रियों में- अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड ने हाल ही में अपने एक प्लांट में फ्लफी नाम का रोबोट तैनात किया है जो 2 लाख स्क्वायर मीटर के प्लांट से डेटा जमा करता है।

स्रोत: टाइम, फॉर्च्यून, फोर्ब्स व अन्य मीडिया रिपोर्ट्स।

6:34 AM

कोरोना से धारावी की बदनामी, 50 फीसदी दुकानें खाली हो गईं, मुंबई में इस दिवाली हो सकती है दीये की किल्लत

(विनोद यादव) ‘मैं सुबह 9 बजे दुकान पर आया हूं। शाम के 7 बज गए हैं। एक भी ग्राहक नहीं आया। धारावी से लेदर सहित अन्य सामानों का एक्सपोर्ट तो लगभग ठप्प हो गया है।’ यह कहना है कि धारावी लेदर गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिशन के वर्किंग प्रेसिडेंट राजेश सोनावणे का।

सोनावणे बताते हैं कि कोरोना की वजह से धारावी की हुई बदनामी के कारण यहां अब भी ग्राहक नहीं आ रहे हैं। जिसकी वजह से जिन लोगों ने किराए पर दुकानें ले रखी थीं। उसमें से 50 फीसदी लोगों ने दुकान ही खाली कर दी है। मार्केट में मांग नहीं होने की वजह से दुकानदार किराया तक नहीं दे पा रहे हैं।

हब ऑफ इंटरनेशनल एक्सपोर्ट कहे जाने वाले धारावी में कोरोना के कारण लोग आने में घबराने लगे हैं

यहां इन्क्वायरी भी सिर्फ फार्मास्युटिकल कंपनी और थोड़ी बहुत गिफ्ट के सामानों की आ रही है। हब ऑफ इंटरनेशनल एक्सपोर्ट कहे जाने वाले धारावी में कोरोना के कारण लोग आने में घबराने लगे हैं। इस इलाके में अब तक 2700 से ज्यादा कोरोना के मरीज मिले हैं, हालांकि एक्टिव केस अब 100 से भी कम है। बावजूद इसके इस इलाके में ग्राहक आने से घबरा रहे हैं।

यहां का कुंभारवाड़ा मिट्‌टी के सामान बनाने के लिए पूरी मुंबई में मशहूर है। यहां के प्रजापति सहकारी उत्पादक संघ के अध्यक्ष कमलेश चित्रोडा ने बताया कि नवरात्रि से दीपावली तक हमारे दो लाख दीये बिकते थे। अभी इस बार उतने दीए नहीं बने हैं। कोरोना की वजह से मजदूरों की भारी कमी है।

गोडाउन में मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग के कारण इकट्‌ठा नहीं हो पा रहे हैं। उन्हें स्वास्थ्य के साथ जुर्माने का भी डर है। चित्रोड़ा के अनुसार धारावी में मिट्‌टी के दिए बनाने का काम कम से कम दो-तीन महीने पहले शुरू होता था। लेकिन, हम इस बार करीब 50 फीसदी दीये ही बना पाएंगे।

तो इस बार मुंबई में दिवाली के मौके पर दीयों की किल्लत हो सकती है

वे बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से पर्याप्त मात्रा में मिट्‌टी भी नहीं आ पाई। चित्रोड़ा का अनुमान है कि यदि यदि बाजार में डिमांड सुस्त रहती है, तो इस बार मुंबई में दिवाली के मौके पर दीयों की किल्लत होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। धारावी के ही कामराज नगर लेदर शॉप एसोसिएशन के प्रेसिडेंट चंद्रकांत पोटे बताते हैं कि हमारे यहां बिकने वाले ज्यादातर आइटम नॉन एसेंशियल हैं।

लिहाजा हमारा धंधा मंदा चल रहा है। वे भी सोनावणे की इस बात से इक्तेफाक रखते हैं कि धारावी में कोरोना मरीजों की संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ने की खबर से यहां के उद्योग-धंधों को बहुत नुकसान हुआ है।

क्यों महत्व्पूर्ण है ये इलाका : मुंबई मनपा के जिस जी-उत्तर वार्ड के अंतर्गत धारावी का इलाका आता है। उसके सहायक मनपा आयुक्त किरण दिघावकर बताते हैं कि 2.5 वर्ग किमी में फैली धारावी में 5 हजार जीएसटी रजिस्टर्ड इंटरप्राइजेज हैं। इसके अलावा 15 हजार एक कमरे वाली फैक्टरियां हैं।

धारावी इलाके का सालाना टर्नओवर करीब 7 हजार करोड़ रुपए है। जिसकी वजह से धारावी को “हब ऑफ इंटरनेशनल एक्सपोर्ट” भी कहा जाता है। मगर अब धारावी की लेदर इंडस्ट्रीज हो, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज हो, गार्मेंट फैक्टरी हो या फिर मेटल इंडस्ट्रीज सभी की हालत खस्ता है।

6:34 AM

एशिया के सबसे बड़े फार्मा क्लस्टर जीनोम वैली से मिल सकता है दुनिया की आधी आबादी को कोरोना टीका

(प्रमोद कुमार) हम पहुंचे हैं दुनिया की एक तिहाई वैक्सीन बनाने वाले एशिया के सबसे बड़े फार्मा क्लस्टर हैदराबाद की जीनोम वैली में। जीनोम वैली यानी वो जगह, जहां फिलहाल करीब तीन बड़ी कंपनियों के एक हजार से ज्यादा वैज्ञानिक दिन-रात कोरोना के टीके पर काम कर रहे हैं।

हम यहां पहुंचे तो बातचीत में तीन बड़ी चीजें निकलकर सामने आईं। एक, दुनिया में कोरोना वैक्सीन कहीं भी ईजाद हो, लेकिन दुनिया की आधी आबादी को दी जाने वाली यानी लगभग 400 करोड़ डोज एक साल में हैदराबाद के जीनाेम वैली में बन सकती है।

कारण, दुनिया की बड़ी वैक्सीन निर्माताओं में शुमार भारत बायोटेक, बायोलॉजीकल ई और इंडियन इम्यूनोलाॅजिकल दुनिया की शीर्ष एक दर्जन कंपनियाें के साथ मिलकर रिसर्च कर रहीं हैं। केवल इन तीनों की वैक्सीन बनाने की सालाना क्षमता 400 करोड़ डोज है। इनमें कोई भी टीका ईजाद करे तो निर्माण यहीं होगा।

अगर टीका दूसरी कंपनियां भी ईजाद करती हैं, तब भी निर्माण यहीं होने की उम्मीद है क्योंकि यहां मौजूद अन्य कंपनियां भी शामिल कर लें तो यहां सालाना 600 करोड़ डोज बनाने की क्षमता है। दूसरी, एक तरह की वैक्सीन सभी इंसानों पर काम नहीं कर पाएगी, इसलिए ये कंपनियां 8 तरह की वैक्सीन पर काम कर रही हैं। मतलब, लक्षण देखकर हर व्यक्ति को अलग-अलग वैक्सीन दी जाएगी। तीसरी बात, वैक्सीन के लिए अभी कम से कम 8 महीने और इंतजार करना होगा। ये अप्रैल 2021 से पहले नहीं आ पाएगी।

हम सबसे पहले पहुंचे बेगमपेट स्थित तेलंगाना सरकार के लाइफ साइंस एंड फार्मा सिटी के दफ्तर। वहां लाइफ साइंस के डायरेक्टर एवं जीनोम वैली के सीईओ शक्ति नागप्पन से मुलाकात हुई। नागप्पन कहते हैं कि दुनिया की एक तिहाई वैक्सीन यहां बनती हैं। देश का अनुमानित 60 फीसदी प्रोडक्शन भी यहीं होता है। वे आगे बताते हैं कि फार्मा कंपनियों के अनुसार मार्च 2021 के बाद वैक्सीन आ सकती है।

भारत बायोटेक 3 तरह, बायोलॉजीकल ई 3 तरह और इंडियन इम्यूनॉजीकल 2 तरह की वैक्सीन बना रही हैं। सभी रिसर्च कर रहे हैं, जो सबसे बेहतर वैक्सीन हो वो सबसे पहले लाएंगे। पहले जो वैक्सीन आई हैं वो केवल एक तरह से काम करती थीं, लेकिन कोविड की हर वैक्सीन का मैकेनिज्म अलग होगा। कुछ वैक्सीन 2 महीने, कुछ एक साल का तो कुछ लाइफ टाइम काम कर सकती हैं। किसी का रिसर्च पूरा वायरस खत्म करने का है तो किसी का एक साल तक रोकने का है।

जीनोम वैली के वैज्ञानिक डॉ. प्रभुकुमार चालानी कोरोना के अलावा एंटीबॉडी पर भी रिसर्च कर रहे हैं। रिसर्च कंपनी का नाम न बताते हुए उन्होंने कहा कि काेविड वैक्सीन एक तरह की बन ही नहीं सकती, क्योंकि इसके वायरस 1300 तरह के हैं। मलेशिया में फैला एक कोविड वायरस इंसान को तत्काल मार देता है तो दूसरा वायरस अश्वेतों पर कम असर करता है। उम्र का अंतर होने पर भी असर अलग-अलग है, तो एक वैक्सीन कैसे बन सकती है।

कुछ वैज्ञानिक तो अपने घर भी नहीं जा रहे हैं

भारत बायोटेक के एक स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिसर्च एरिया में वैज्ञानिकों के अलावा अन्य किसी को आने की इजाजत नहीं है। एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि भारत बायोटेक के 120 वैज्ञानिक और 200 वैज्ञानिक सहयोगी (साइंटिफिक वर्कफोर्स) राेज तकरीबन 18-18 घंटे काम कर रहे हैं।

बायोलॉजिकल ई के एक स्टाफ ने बताया कि एक और शिफ्ट शुरू हो गई है। पहले तो 5-10 लोग ही रुकते थे। अब 300 वैज्ञानिक रुकते हैं। कई बार 100-100 पैकेट खाना भी बाहर से पैक होकर आता है। यहां के बाद हम इंडियन इम्यूनाेलॉजिकल के प्लांट पहुंचे।

वहां एक अधिकारी ने बताया कि हमारा फर्स्ट फेज का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। हमारी कोशिश है कि सेकंड फेस का ट्रायल पूरा करने के बाद वैक्सीन बनाना शुरू कर दें। तीसरे ट्रायल की जरूरत न रहे, इसके लिए आवश्यक जरूरी नियमों के अनुसार हम कदम उठा रहे हैं।

हमारे 180 वैज्ञानिक और उनके 150 सहयोगी सुबह 8 से लेकर शाम 7 बजे तक रिसर्च कर रहे हैं। हमारे करीब 15 वैज्ञानिक तो घर भी नहीं जाते हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द दुनिया को कोरोना का टीका मिल जाए।

4 लाख नौकरियां आएंगी यहां

  • 18 देशों की 200 कंपनियां जीनोम वैली में रिसर्च करती हैं। इस फार्मा कलस्टर में 15 हजार साइंटिस्ट रिसर्च करते हैं।
  • 600 करोड़ वैक्सीन डोज सालान बनाने की क्षमता है। इसे सिटी ऑफ वैक्सीन कहा जाता है।
  • 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है जीनोम वैली से सरकार को।
  • 4 लाख नई नौकरियां आएंगी यहां अगले 10 सालों में, 100 अरब डॉलर का उद्योग पनपेगा। वैली की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी।
6:34 AM

मुंबई में फिल्म लाइन छोड़कर गांव लौटे, बंदर-गाय के वीडियो बनाकर यूट्यूब पर जुटाए 15 लाख सब्सक्राइबर, अब हर महीने कमाते हैं 70 हजार रुपए

बद्रीनारायण भद्र, जब ये नाम आप गूगल पर सर्च करेंगे तो पहले ही नंबर पर इनके यूट्यूब चैनल का एड्रेस आएगा। पांच साल में बद्रीनारायण के यूट्यूब चैनल पर 15 लाख 60 हजार से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और वे हर महीने यूट्यूब से 60 से 70 हजार रुपए कमाते हैं। बद्री ओडिशा के जैजपुर जिले के एक छोटे से गांव जहल में रहते हैं। क्या है यूट्यूब पर उनकी सफलता की कहानी, जानिए उन्हीं की जुबानी।

जियो ने 4जी लॉन्च किया, तब वीडियो बनाना शुरू किए

मैं फिल्म लाइन से रहा हूं। 2000 से 2004 तक मैंने दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में थियेटर में काम किया। फिर 2004 से 2016 तक मुंबई में फिल्म डायरेक्शन की टीम में काम किया। 2016 में अपने गांव लौट आया। जब फिल्मों के लिए काम करता था तो यूट्यूब पर ही हम लोगों के गाने और ट्रेलर रिलीज होते थे इसलिए मुझे इसका आइडिया था। लेकिन, यूट्यूब से कमाई कैसे की जा सकती है, यह 2016 तक नहीं पता था। ये जरूर पता था कि इससे कमाई की जा सकती है।

बद्रीनारायण के गांव में लंगूर बहुत हैं। उन्होंने पहला वीडियो लंगूरों का ही बनाया था।

2016 में जब जियो ने 4जी लॉन्च किया तो गांव में मैंने ही सबसे पहले जियो की सिम खरीदी थी। उस समय तक मुझे यूट्यूब से कमाई का कोई बहुत ज्यादा आइडिया नहीं था। हमारे गांव में लंगूर बहुत होते हैं। हर तीन से चार दिन में लंगूरों का झुंड हमारे घर में होता है। लंगूर पूरे गांव में घूमते हैं। मेरी पत्नी मोनालिसा लंगूरों को कई सालों से मूंगफली खिला रही थी।

एक दिन वो हमेशा की तरह मूंगफली खिला रही थी तो मैंने उसका वीडियो बना लिया। वीडियो बनाने के बाद मुझे लगा कि यह यूट्यूब पर अपलोड करना चाहिए। फिर मैंने 19 मई 2016 को खुद के नाम से अपना यूट्यूब चैनल बनाया। चैनल कैसे बनाना है, ये भी यूट्यूब से ही सीखा। चैनल बनाने का क्राइटेरिया क्या होता है, वो पूरा पढ़ा और चैनल बना लिया।

पत्नी का जो वीडियो बनाया था, वो अपलोड कर दिया। फिर मैं हर एक-दो दिन में पत्नी के वीडियो अपलोड कर देता था। पूरा वीडियो जियो फोन से ही बनाता था। फिर जो एडिटिंग के फ्री सॉफ्टवेयर हैं, जैसे फिल्मोरा, उससे मोबाइल पर ही एडिटिंग कर लेता था और वीडियो अपलोड कर देता था।

2017 आते-आते तक मैं 30 से 40 वीडियो अपलोड कर चुका था। एक वीडियो को शूट करने और अपलोड करने तक में दो से तीन घंटे का समय लगता था। फिर अपने आप ही वीडियो पर व्यूज बढ़ने लगे। इनके प्रमोशन के लिए मैंने अलग से कुछ नहीं किया। बस मेरा कंटेंट यूनिक था। जब व्यूज आने लगे तो मैंने चैनल को मोनेटाइज कर दिया।

इसके बाद विज्ञापन आने लगे और अपने आप व्यूज बढ़ने लगे। मुझे आज भी याद है कि 2017 में पहला पेमेंट 110 डॉलर (करीब 8 हजार रुपए) का आया था। जब पहली बार पैसे आए तो बहुत मोटिवेशन मिला। फिर सोच लिया था कि इससे ही कमाई करना है। फिर मैं पत्नी के लंगूरों को मूंगफली खिलाते हुए वीडियो शूट करने लगा।

कभी हम लंगूरों को खिलाते थे, कभी बंदर, तो कभी गाय को खिलाते थे। मेरे घर में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं और दो मेरे भाई के बच्चे हैं। हम सब मिलकर वीडियो बनाने लगे और मैं उन्हें एडिट करके यूट्यूब पर अपलोड करता गया।

बद्री अपनी पत्नी मोनालिसा को कैमरे के सामने रखते हैं और खुद मोबाइल से शूट करते हैं।

अभी तक अपने चैनल पर 1100 से ज्यादा वीडियो अपलोड कर चुका हूं और सब्सक्राइबर 15 लाख 60 हजार से ज्यादा हो चुके हैं। हर महीने 60 से 70 हजार रुपए की कमाई होती है। चार सालों में 15 लाख से ज्यादा की कमाई यूट्यूब से हो चुकी है। हालांकि, इसमें 20 से 25 हजार रुपए हम जानवरों को खिलाने पर ही खर्च करते हैं। लॉकडाउन में तो 30 हजार रुपए महीने तक जीव-जंतुओं के खाने पर खर्च किए।

भविष्य में मेरा सेंक्चुरी बनाने का ही प्लान है। जिसमें जीव-जंतुओं को रखूं। उन्हें खिलाऊं-पिलाऊं। गौशाला भी खोलने की तैयारी है। जनवरी 2020 से तो मैं 17 से 18 घंटे यूट्यूब के लिए दे रहा हूं। दिन में फील्ड पर रहते हैं। नई-नई चीजें शूट करते हैं। फिर उन्हें एडिट करके यूट्यूब पर अपलोड करता हूं। पूरा काम अब भी स्मार्टफोन से ही चल रहा है, हालांकि अब जियो की जगह सैमसंग का अच्छे कैमरे वाला फोन खरीद लिया है।

यूट्यूब पर वीडियो चैनल शुरू करने और कमाई करने की चाह रखने वालों के लिए मेरी सलाह यही है कि अपना कंटेंट यूनिक रखें। ऐसा कंटेंट जिसमें कुछ सरप्राइज करने वाला हो। नया हो। लोगों को देखकर मजा आए। यदि ऐसा कंटेंट होगा तो लोग खुद ही आपके वीडियो को शेयर करेंगे और व्यूज बढ़ने लगेंगे।

अपने आसपास जो भी ऐसी चीज देखें, जो सरप्राइजिंग लगे तो उसका वीडियो बना लें और फ्री सॉफ्टवेयर की मदद से फोन से ही एडिट करके यूट्यूब पर अपलोड करते जाएं। मैं भले ही फिल्मी लाइन से रहा हूं लेकिन इस काम में किसी डायरेक्शन की जरूरत नहीं। सिर्फ कंटेंट नया होना चाहिए।

ये बद्री नारायण का परिवार है। वे कहते हैं कि चैनल के हिट होने की एक वजह ये है कि परिवार के हर सदस्य ने इसमें रोल निभाया।

क्या है यूट्यूब पर चैनल बनाने की प्रॉसेस

एक यूट्यूब चैनल की शुरुआत करने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले आपके पास एक एक्टिव गूगल अकाउंट हो। अगर गूगल अकाउंट नहीं है, तो आप सबसे पहले गूगल अकाउंट बना लीजिए। यूट्यूब पर गूगल अकाउंट से साइन इन करने के बाद यूट्यूब चैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
स्टेप- 1

यूट्यूब पर जाकर राइट साइड पर यूट्यूब अकाउंट के थंबनेल इमेज पर क्लिक करें। इसके बाद 'क्रिएट ए चैनल' विकल्प को सलेक्ट करें।

स्टेप-2

अब यूट्यूब चैनल का नाम डालें, चैनल के नाम के लिए बेहतर होगा कि आप किसी ऐसे नाम को चुनें जिससे यह स्पष्ट हो कि आपका चैनल किससे संबंधित है।

स्टेप-3

नाम सिलेक्ट करने के बाद आपको कैटेगरी सिलेक्ट करनी होगी यानी आप किस तरह का कंटेंट पोस्ट करेंगे। इसके बाद चेक बाॅक्स पर ओके का विकल्प क्लिक करना होगा। (क्लिक करने से पहले ध्यान से नियम व शर्तें पढ़ लें)

स्टेप-4

आपका यूट्यूब चैनल बन गया है। अब आप एक नए पेज पर रीडायरेक्ट हो जाएंगे, जहां आप अपने ब्रांड से जुड़ी तस्वीरें, बैकग्राउंड आर्ट, चैनल आइकन अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने चैनल के बारे में मजेदार और यूनिक डिस्क्रिप्शन डाल सकते हैं।

यहां आप वो सब कुछ शेयर कर सकते हैं, जिससे ये पता चलता है कि आपका यूट्यूब चैनल किस बारे में है और आप किस तरह के कंटेट को कब पोस्ट करना चाहते हैं। इसके अलावा बिजनेस इन्क्वायरी के लिए आप ईमेल आईडी भी शेयर कर सकते हैं। इसके बाद आप अपने चैनल में वीडियो अपलोड के विकल्प को सिलेक्ट करके कोई भी वीडियो अपलोड कर सकते हैं।

6:34 AM

हजारों सालों से इन्हीं के हिस्से थी वैष्णोदवी की पूजा, 34 साल पहले अचानक गुफा से बाहर कर दिए गए

बात 30 अगस्त 1986 की है। तब शंकार सिंह मां वैष्णोदेवी की गुफा के अंदर दर्शनार्थियों को मां के दर्शन करवा रहे थे। करीब 40 से 50 भक्त गुफा के अंदर थे। शंकार के अलावा मंगलसिंह और जमीत सिंह भी गुफा में ही थे। दोपहर के बाद मां के भवन के बाहर सीआरपीएफ, जम्मू एंड कश्मीर पुलिस के साथ ही पटवारी, तहसीलदार, एसडीएम सहित डीसी भी जमा हो चुके थे।

रात को साढ़े बारह बजे एसडीएम और डीसी दर्शन करने के लिए गुफा के अंदर गए। आधे घंटे वहीं बैठे रहे। साथ में पुलिसवाले भी थे। इन्होंने दर्शन किए, टीका लगाया और फिर ये गुफा से बाहर आ गए। बाहर आकर थोड़ी देर बाद डीसी ने एसडीएम से फिर पूछा कि आप कौन से रास्ते दर्शन के लिए जाएंगे और दोनों नई गुफा के रास्ते फिर अंदर घुसे।

1986 से पहले बारीदार ही मां की पूजन किया करते थे। श्राइन बोर्ड के गठन के बाद से इनका रोल पूरी तरह से खत्म कर दिया गया।

मैं इनके साथ ही खड़ा था। इनके अंदर जाते ही मैं भी पुरानी गुफा से अंदर घुसा, ताकि इन लोगों को दर्शन में कोई दिक्कत न हो। डीसी और एसडीएम के साथ पुलिसवाले भी थे, जिन्होंने गुफा में अंदर घुसने से पहले पैरों से जूते भी नहीं निकाले थे।

अंदर जैसे ही हमारा दोबारा सामाना हुआ तो डीसी ने मुझसे कहा कि, 'बारदारी साहब आज से आपके तमाम हक खत्म हो गए हैं। मेहरबानी करके आप लोग गुफा छोड़कर चले जाएं।' 67 साल के शंकरा सिंह कहते हैं, दो मिनट तक तो मैं कुछ बोल ही नहीं पाया। अवाक रह गया।

मैंने पूछा कैसे हमारे हक खत्म हो गए तो मुझे और मेरे दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वहां हमें पुलिसवालों ने चोर बोला। अगले दिन बहुत से बारीदार थाने के बाहर जमा हो गए, तब हम लोगों को जमानत दी गई। तब से आज तक हम अपने हक के लिए तरस रहे हैं।

बारीदारोंं का कहना है कि बोर्ड ने मंदिर को पूरी तरह से कमर्शियल कर दिया। हर काम मुनाफे से जोड़कर देखा जाता है।

यह कहानी बारीदारों की है। वही बारीदार जो हजारों सालों से मां वैष्णोदेवी की पूजा करते रहे हैं। बारीदार मतलब बारी-बारी से मां वैष्णोदेवी की पूजा करने वाले। कहते हैं जब रास्ता भी नहीं था, तब से हमारे पूर्वज जंगलों के बीच से मां को पूजने जाया करते थे, क्योंकि श्रीधर हमारे ही वंश के थे, जिन्हें मां ने दर्शन दिए थे और त्रिकूट पर्वत पर बसने की बात कही थी।

तभी से हम लोग माता की पूजन करते चले आ रहे थे, लेकिन साल 1986 में 30 अगस्त की रात एकाएक हमें गुफा से बाहर फेंक दिया गया और सारे अधिकार श्राइन बोर्ड को दे दिए गए। किसी ने हमसे न पहले इस बारे में कोई बात की और न ही हमें लिखित में कुछ दिया। बस हमें फोर्स लगाकर बाहर कर दिया गया।

1971 की लड़ाई के बाद मां के दरबार में भक्तों की संख्या बढ़ना शुरू हुई। अब यह आंकड़ा 1 करोड़ को पार कर चुका है।

अब बारीदारों को अपने हक की लड़ाई लड़ते हुए 34 साल बीत चुके हैं। ये लोग अब भी कटरा के आसपास के गांव में ही बसे हुए हैं। 1986 तक 27 गांव में बारीदार थे, जो अब फैलकर 37 गांव में हो चुके हैं। हालांकि, अब बारीदारों का मंदिर में कोई रोल नहीं रहा। बारीदारों में चार कम्युनिटी के लोग आते हैं। इसमें तीन मनोत्रा, दरोरा और खस राजपूत समाज से हैं, जबकि सनमोत्रा ब्राम्हण होते हैं। ब्राह्मणों का काम पूजा-पाठ का होता था, राजपूतों का काम प्रबंधन करने का था।

बारीदारों में इन्हीं चार कम्युनिटी के शामिल होने का क्या कारण हैं? इस पर बारीदार संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष श्याम सिंह कहते हैं, कटरा के आसपास पहले रहते ही हमारे पूर्वज थे। जब कृपाल देव जम्मू के राजा थे, तब उन्होंने मां की पूजन के लिए यह सिस्टम बनाया था। ताकि बारी-बारी से सभी लोगों की मां की सेवा का मौका मिले और काम भी चलता रहे। श्याम सिंह के मुताबिक, वो पटानामा आज भी डोगरी भाषा में लिखा रखा हुआ है। हमने उसका उर्दू में ट्रांसलेशन भी करवाया था।

बारीदार अपने हक के लिए कई बार लड़ाई लड़ चुके हैं। उनका कहना है कि हमें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया।

बारीदारों के भी छह ग्रुप थे। मां की सेवा का मौका एक साल के लिए एक ग्रुप को मिलता था। एक ग्रुप में कई गांवों के लोग शामिल होते थे। इस तरह से हर एक की बारी छह-छह साल के अंतर से आती थी। पहले न बहुत दर्शनार्थी आते थे, न कोई बहुत चढ़ावा था।

शंकरा सिंह कहते हैं कि 1971 की लड़ाई के बाद मां के दरबार में भीड़ बढ़ना शुरू हुई। फिर धीरे-धीरे देश-दुनिया से लोग यहां आने लगे। 1980-90 तक सालभर में आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या 8 से 10 लाख थी, जो अब एक करोड़ से भी ज्यादा हो चुकी है।

बारीदारों का कहना है कि, पीएम मोदी ने चुनाव के पहले उनकी समस्या हल करने का ऐलान किया था, लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं।

बारीदारों को उनका हक दिलवाने के लिए कई सरकारों ने वादे किए लेकिन अभी तक कोई कुछ करवा नहीं सका। श्याम सिंह के मुताबिक, जब फारुख अबदुल्ला यहां के मुख्यमंत्री थे, तब वो हमारा मामला विधानसभा में उठाने वाले थे। उन्होंने हमसे कहा था कि आपके साथ गलत हुआ।

लेकिन फिर हमें पता चला कि उन्हें आडवाणी जी ने कहा है कि आप हिंदुओं के मंदिर के मामले में हाथ मत डालिए। वरना उसी समय ऑर्डिनेंस आ गया होता। जो सरकारें आईं, उन्होंने हमें वोटबैंक की तरह देखा क्योंकि अब हम करीब 37 जिलों में हैं और जनसंख्या 23 से 25 हजार के बीच है।

कांग्रेस-पीडीपी की सरकार के समय भी वादा किया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। साल 1996 में एक चयन समिति बनी। जिसने दूसरे राज्यों के मंदिरों की रिपोर्ट दी। इसमें भी सामने आया कि तमाम प्रसिद्ध मंदिरों में वहां सालों से काम संभालने वालों को कुछ न कुछ हक दिया गया है, लेकिन यह बिल आने से पहले ही सरकार गिर गई और मामला खत्म हो गया।

2014 में पीएम मोदी ऊधमपुर में सभा के लिए आए थे, तो उन्होंने भी मंच से कहा था कि बीजेपी सरकार में आती है तो हम बारीदारों का स्थायी हल निकालेंगे, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। पीएम मोदी के इस बयान के बाद बारीदारों ने एकजुट होकर बीजेपी उम्मीदवार को अपने क्षेत्र में जीत दिलवाई थी।

बारीदार संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्याम सिंह कहते हैं, मंदिर में दुकानों से करोड़ों रुपए किराया लिया जाता है, ऐसे में दुकानदारों का भक्तों के साथ क्या रवैया होगा, समझा जा सकता है।

श्याम सिंह कहते हैं, श्राइन बोर्ड ने मंदिर में पूरी तरह से कमर्शियलाइजेशन कर दिया। ऊपर की दुकानों का सालाना किराया नौ से दस करोड़ रुपए है। अब यदि कोई इतना किराया देगा तो वो यहां आने वाले भक्तों से कैसी कमाई करेगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बारीदार तो जमीन पर सोते थे।

अब तो बोर्ड ने ऊपर फैमिली तक रख ली हैं, जो हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ है। बोले, यात्रा बंद थी तो अभी शेर और चीतों की यहां घूमने की बात सामने आई। हमारे पूर्वजों ने तो मां की पूजन तब से की थी, जब यह घनघोर जंगल था। फिर हमें अचानक ऐसे बाहर क्यों फेंक दिया गया। कितने परिवारों पर तो भूख से मरने की नौबत में आ गई।